शनिवार, जनवरी 28, 2012

कडवी हकीकतों के रूबरू कराते सादगी भरे शब्द

गाँधी के गुजरात से मेहल मकवाना की एक कविता  
जैसे मेरे पास भी एक योनि हैसोनी सोरी
जज साहब,
मेरे साल तेंतीस होने को आये लेकिन,
मैंने कभी कारतूस नहीं देखी है !
सिर्फ बचपन में फोड़े दीपावली के पटाखों की कसम,
आज तक कभी छुआ भी नहीं है बन्दुक को !
हा, घर में मटन-चिकन काटने इस्तेमाल होता,
थोडा सा बड़ा चाकू चलाने का महावरा है मुझे !
लेकिन मैंने कभी तलवार नहीं उठाई है हाथ में !
में तो कब्बडी भी मुश्किल से खेल पानेवाला बंदा हूँ,
मल्ल युद्द्द या फिर कलैरीपट्टू की तो बात कहा ?
प्राचीन या आधुनिक कोई मार्शल आर्ट नहीं आती है मुझे !
में तो शष्त्र और शाष्त्र दोनों के ज्ञान से विमुख हूं !
यह तक की लकड़ी काटने की कुल्हाड़ी भी पड़ोसी से मांगता हूँ !

लेकिन मेरे पास दो हाथ है जज साहब,
महनत से खुरदुरे बने ये दोनों हाथ मेरे अपने है !
पता नहीं क्यों लेकिन जब से मैंने यह सुना है,
मेरे दोनों हाथो में आ रही है बहुत खुजली !
खुजला खुजला के लाल कर दिए है मेने हाथ अपने !

और मेरे पास दो पैर है जज साहब !
बिना चप्पल के काँटों पे चल जाये और आंच भी न आये
एसे ये दोनों पैर, मेरे अपने है जज साहब !
और जब से मेंने सुना है
की दंतेवाडा कि आदिवासी शिक्षक सोनी सोरी की योनि में
पुलिसियों ने पत्थर भरे थे,
पता नहीं क्यों में बार बार उछाल रहा हु अपने पैर हवा में !
और खींच रहा हूं सर के बाल अपने !
जैसे मेरे पास भी एक योनि है और कुछ पैदा ही रहा हो उस से !

हा, मेरा एक सर भी है जज साहब,
हर १५ अगस्त और २६ जनवरी के दिन,
बड़े गर्व और प्यार दुलार से तिरंगे को झुकनेवाला
यह सर मेरा अपना है जज साहब !
गाँधी के गुजरात से हूं इसलिए
बचपन से ही शांति प्रिय सर है मेरा !
और सच कहू तो में चाहता भी हूं कि वो शांति प्रिय रहे !
लेकिन सिर्फ चाहने से क्या होता है ?

क्या छत्तीसगढ़ का हर आदिवासी,
पैदा होते हर बच्चे को नक्सली बनाना चाहता है ?
नहीं ना ? पर उसके चाहने से क्या होता है ?
में तो यह कहता हु की उसके ना चाहने से भी क्या होता है ?
जैसे की आज में नहीं चाहता हु फिर भी ...
मेरा सर पृथ्वी की गति से भी ज्यादा जोर से घूम रहा है !
सर हो रहा है सरफिरा जज साहब,
इससे पहले की सर मेरा फट जाये बारूद बनकर,
इससे पहले की मेरा खुद का सर निगल ले हाथ पैर मेरे ,
इससे पहले की सोनी की योनि से निकले पत्थर लोहा बन जाए,
और ठोक दे लोकतंत्र के पिछवाड़े में कोई ओर कील बड़ी,
आप इस चक्रव्यूह को तोड़ दो जज साहब !
रोक लो आप इसे !
इस बिखरते आदिवासी मोती को पिरो लो अपनी सभ्यता के धागे में !
वेसे मेरे साल तेंतीस होने को आये लेकिन,
मैंने कभी कारतूस नहीं देखी !
कभी नहीं छुआ है बन्दुक को ,
नहीं चलाई है तलवार कभी !
और ना ही खुद में पाया है
कोई जुनून सरफरोशी का कभी !
– मेहुल मकवाना, अहमदाबाद, गुजरात
94276 32132 and 84012 93496



मंगलवार, जनवरी 10, 2012

करोडपति हो कर भी भरा साईकल पर नामांकन

सिद्धू की धर्मपत्नी ने भरा अनोखे अंदाज से नामंकन 
        गजिंदर सिंह किंग, अमृतसर 10 जनवरी, 2012
अमृतसर में सासंद नवजोत सिंह सिद्धू की धर्मपत्नी डाक्टर नवजोत कौर सिद्धू ने अपना नामंकन पत्र आज अमृतसर के पूर्वी हलके से भरा. साथ ही यह नामंकन पत्र भरने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी खुद आपने घर से साइकिल पर गए. अमृतसर में नामंकन पत्र का दौर और एक अलग ही अंदाज़ का नज़ारा देखने को मिला. आज जब नवजोत सिंह सिद्धू एक अलग ही अंदाज़ में दिखे, दरअसल सासंद नवजोत सिंह सिधु की पत्नी नवजोत कौर अमृतसर के पूर्वी हलके से विधान सभाके चुनाव लड़ रही है, जिस के चलते आज वह नामंकन पत्र भरने के लिए साइकिलपर सवार हो कर गयी, इस मौके पर बी.जे.पी. के कई बड़े नेता उन के साथ मौजूद थे. यह ही नहीं इस मौके पर नवजोत सिंह सिद्धू भी अपनी पत्नी के साथ थे. इस मौके पर जब नवजोत कौर ने अपना नामंकन पत्र भरा और जिस मेंउन्होंने 11,50,030 का इन्कम टैक्स भरा है, जिन में नकदी और जेवरात की कीमत 77,27,469.44 बतायी है. साथ ही उन के पास व्यापारिक और अव्यापारिक ज़मीन की कीमत 2,38,94,000 की है.  सब से हैरान कर देने वाली बात यह है, कि नवजोत कौर के नाम पर कोई भी वाहन नहीं है. यह ही नहीं इस के मुकाबले में उन के पति 34,17,892 रूपए की इन्कम टैक्स भरी है और उन के पास 31 लाख रूपए नकद है और सिद्धू के पास अपनी निजी 6 लक्सरी गाड़ियां है और उनके नकदी, जेवरात और गाड़ियों की कीमत 7,13,16,511 रूपए है, साथ ही सिधु के पास ज़मीन जायदाद की कीमत भी 12,14,50000 रूपए है, कुल मिला कर सिद्धू परिवार जो कि अपने आप को साइकिल पर आता हुआ दिखा रहा है, लेकिन है एक करोड़ पति.वहीँ जब उन की पत्नी से यह सवाल पूछा गया कि साइकिल पर आने का उन का मकसद क्या है, तो उन्होंने इस के लिए महंगाई को जिम्मेदार बताया और कहा कि साइकिल सहेत के लिए अच्छा है, वहीँ उन्होंने कहा, कि आने वाले विधान सभा चुनाव में वह लोगों की सेवा करेंगी और जो नशे की सब से बड़ी समस्या है, उन को वह हल करेंगी.साथ ही यह अमृतसर का एक नया हलका है औरवह यहाँ पर जो गंदे पानी की समस्या है, उस को हल कर आम जनता को अपने साथ ले कर चलेंगी वहीँ इस मौके पर सांसद नवजोत सिंह सिद्धू का कहना है कि यह उनके लिए फख्र की बात है, कि उन को गुरु नगरी की सेवा करने का मौका मिला है. साथ ही उन का कहना है, कि वह इलेक्शन कमिशन की तारीफ़ करते है, कि जो इस बार के चुनाव हो रहे है, इस में काले धन के साथ आम आदमी को लालच नहीं दिया जा सकता और उम्मीदवार अपने गुण वक्ता के आधार पर आगे आ रहा है और इस बार के चुनाव अपने आप में एक नई बात है और अच्छे कर्म और अच्छे इंसान इन चुनावों में सामने आ रहे है. वहीँ इस मौके पर कांग्रेस में पैदा हुईबगावत पर उन्होंने कहा, कि आज पंजाब में आज़ाद कांग्रेस पार्टी की शुरुआतहुई है फिलहाल राजनीति के क्षेत्र में जहाँ नवजोत सिंह सिद्धू अकेले थे,वहीँ आज उन की पत्नी भी राजनीति के मैदान में उतर आयी है और अब देखना यह होगा, कि राजनीति में नवजोत सिंह सिद्धू  की पत्नी कितनी कारगर साबित होती है और जनता के अखाड़े में अब यह देखना है, कि उन को कितनी कामयाबी मिलती है.