गुरुवार, मार्च 08, 2012

प्रेम जहाँ बसते दिन-रात

मिले पथिक को छाया हरदम
पेड़, धूप सहते दिन-रात
दूर के राही  थक मत जाना  
मिहनत जो करते दिन-रात
वो दुख में रहते दिन-रात
     सुख देते सबको निज-श्रम से
     तिल-तिल कर मरते दिन-रात
मिले पथिक को छाया हरदम
पेड़, धूप सहते दिन-रात
     बाहर से भी अधिक शोर क्यों
     भीतर में सुनते दिन-रात
दूजे की चर्चा में अक्सर
अपनी ही कहते दिन-रात
     हृदय वही परिभाषित होता
     प्रेम जहाँ बसते दिन-रात
मगर चमन का हाल तो देखो
सुमन यहाँ जलते दिन-रात
परिचय
पूरा नाम है श्यामल किशोर झा और शायरी की दुनिया में जाने जाते हैं श्यामल सुमन के नाम से.
जन्म तिथि :  10.01.1960 और जन्म स्थान :  चैनपुर, जिला सहरसा, बिहार, भारत
शिक्षा :  एम० ए० - अर्थशास्त्र साथ में तकनीकी शिक्षा : विद्युत अभियंत्रण में डिप्लोमा 
वर्तमान पेशा :  प्रशासनिक पदाधिकारी टाटा स्टील, जमशेदपुर, झारखण्ड, भारत
साहित्यिक कार्यक्षेत्र :  छात्र जीवन से ही लिखने की ललक, स्थानीय समाचार पत्रों सहित देश के प्रायः सभी स्तरीय पत्रिकाओं में अनेक समसामयिक आलेख समेत कविताएँ, गीत, ग़ज़ल, हास्य-व्यंग्य आदि प्रकाशित.
स्थानीय टी.वी. चैनल एवं रेडियो स्टेशन में गीत, ग़ज़ल का प्रसारण, कई राष्ट्रीय स्तर के कवि-सम्मेलनों में शिरकत और मंच संचालन. अंतरजाल की दुनिया में पंजाब स्क्रीन के साथ साथ "अनुभूति,हिन्दी नेस्ट, साहित्य कुञ्ज, साहित्य शिल्पी, प्रवासी दुनिया, आखर कलश आदि मे अनेकानेक  रचनाएँ प्रकाशित हुयी हैं और होती रहती हैं.
गीत ग़ज़ल संकलन "रेत में जगती नदी" - कला मंदिर प्रकाशन दिल्ली 
                          "संवेदना के स्वर" - राज-भाषा विभाग पटना में प्रकाशनार्थ. इसके आलावा भी कई जगह पर मांग बढ़ रही है.
अपनी बात कहते हुए बताते हैं: इस प्रतियोगी युग में जीने के लिए लगातार कार्यरत एक जीवित-यंत्र, जिसे सामान्य भाषा में आदमी कहा जाता है और जो इसी आपाधापी से कुछ वक्त चुराकर अपने भोगे हुए यथार्थ की अनुभूतियों को समेट, शब्द-ब्रह्म की उपासना में विनम्रता से तल्लीन है-बस इतना ही। 
 श्यामल सुमन से  मोबाईल फोन पर सम्पर्क का नम्बर है:09955373288. इन रचनायों पर आपके विचारों की इंतज़ार हमेशां की तरह इसबार भी शिद्दत से बनी रहेगी.--रेक्टर कथूरिया  

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